क्रांतिवीर सेवालाल बापुर अमर विचार

क्रांतिवीर सेवालाल बापुर अमर विचार

1) सौतार वळख सौता करलो। अत्त दीप भव। 2) सारीरो कल्याण व। भवतु सब्ब मंगलं। 3) जाणजो, छाणजो, पछज मानजो। एही पस्सिको धम्म:। 4) पाच पारार पालन करजो। पंचशीलोंका पालन करो। 5) सत्य काम फत्ते करो। सद कर्मको पुरा करो। 6)भजे, पूजेम, धूजेम वेळा घालेपेक्षा सत कर्म करते रो। ईश्‍वर पूजा मे समय बरबाद मत करो, सत आचरण करो। 7)केनी बी नानक्या मोटो मत समजो। किसीको श्रेष्ठ कनिष्ठ मत मानो। 8) सदा भलेती भेट रखाडो। अखंड सत्यके साथ रहो। 9) गोर गरिबेन दांडन मत खावो। दुर्बलोंका शोषण मत करो। 10) आपणे पाल आपणच ठोकलो। खुद स्वावलंबी बनो। 11) आपण काळे माथेर छा-पगे पगेपर चुकाछा। अनपढ़ इन्सान गलती करता है। 12) गोर छो तो गौर करो। शिक्षित हो तो चिंतन करो। 13) रोयती राजमळेनी, कल्लोळ करो। निराश मत बनो, संघर्ष करो। 14) थाळी नगरारे घोरेम रिजो। सद्विचारोंका प्रचार करते रहो। 15) छाती करीय ओन साथ मळीय साहसियोंकी जीत होती है। 16) हाय खाये ओर ढेर पड़ जाये। हिंमत छोड़नेवालोंकी हार होती है। 17) डायी बाजुती चालेवाळेरो जयविय सत्यकी हमेशा जय होती है। 18) गोर मरी मट्टी सरजीत करिय। सभीको कृषिकार्य करना चाहिए। 19) मारी सिकनवाडीपर धेन दिजो। मेरे विचार आचरणमे लावो। 20) गोर केशुलानही मोरीय। मेहनतकसकी हार कभी नहीं होगी। 21) अखत बक्तर बाणोवाळेन सोबत लो। हमेशा गरिब दुर्बलोंके साथ रहो। 22) सत कर्मेरो जय विय। विज्ञानकी हमेशा जय होगी। संकलक : प्रा. ग.ह. राठोड

G H Rathod

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